बातचीत हमसे भी करें: आईएसआई

भारत में सेना सीधे तौर पर द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा नहीं लेती है
ऐसी ख़बरें हैं कि पाकिस्तानी सेना और ख़ुफ़िया एजेंसी ने भारत के साथ शांति वार्ता में शामिल होने की इच्छा जताई है.
अख़बारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ़्टिनेंट जनरल शुजा पाशा इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग गए थे.
वहाँ उन्होंने भारतीय रक्षा सलाहकारों से बातचीत की. इसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. इसी बैठक में जनरल शुजा पाशा ने भारतीय प्रतिनिधियों से कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में उनकी भागीदारी भी होनी चाहिए.
इससे पहले एक भारतीय अख़बार ने इस आशय की रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि जनरल शुजा पाशा भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए नई दिल्ली आना चाहते हैं.
जनरल शुजा पाशा पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफ़ाक़ परवेज़ कियानी के विश्वस्त सहयोगी समझे जाते हैं.
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में नीति निर्धारण में सेना और आईएसआई की अहम भूमिका रहती है.
हालाँकि भारतीय उच्चायोग और पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इस तरह के किसी प्रस्ताव की न तो पुष्टि की और न ही इनकार किया.
पाकिस्तानी सेना या आईएसआई के प्रस्ताव पर कोई फ़ैसला करने के लिए भारतीय सेना के अधिकारी सक्षम नहीं हैं. भारत में सेना की भूमिका विदेश मंत्रालय को सलाह देने तक सीमित होती है.
सीधे-सीधे सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर वार्ता में ही भारतीय सेना के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं.
आईएसाई को वार्ता में शामिल करने की पहल पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने ही की थी. ये बात है मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों के ठीक बाद की.
उस समय उन्होंने आईएसआई प्रमुख को दिल्ली भेजने की घोषणा की थी, हालांकि बाद में वो इस फ़ैसले से पीछे हट गए.
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