'क़ानून हाथ में न लें भारतीय छात्र' | |||||
भारतीय छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री केविन रड ने सख़्त कार्रावाई की चेतावनी दी है. रड ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि किसी भी व्यक्ति को क़ानून अपने हाथ में लेने की इजाज़त नहीं होगी. भारतीय छात्रों पर हो रहे कथित नस्लभेदी हमलों के खिलाफ़ भारतीय छात्रों का ऑस्ट्रलिया के शहर सिडनी में उग्र प्रदर्शन दूसरी रात भी जारी रहा. जबकि मेलबर्न में भारतीयों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय छात्र समूह बनाकर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर मौजूद हैं. 'नस्लवादी नहीं हैं' ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय छात्रों पर होने वाले हमले नस्लवादी नहीं हैं जबकि भारत और चीन की सरकारों ने ऑस्ट्रेलिया में उनके छात्रों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जताई है. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हो रहे हमलों पर मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में बयान भी दिया था. उनका कहना था, "ऑस्ट्रेलिया में जो हमले हो रहे हैं, उनमें से कुछ नस्लवादी हमले हैं और उनसे मैं क्षुब्ध हूँ. मैं ऑस्ट्रेलियाई शासन से उच्च स्तर पर बातचीत करने का प्रस्ताव रखता हूँ." जबकि मंगलवार को ही भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त जॉन मैकार्थी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि अगर छात्रों के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने समय रहते क़दम उठा लिया होता तो ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमले का मामला इतना तूल नहीं पकड़ता. गौ़रतलब है कि ऑस्ट्रेलिया पहले ही कह चुका है कि उनकी सरकार भारतीय छात्रों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. |
Wednesday, 10 June 2009
'क़ानून हाथ में न लें भारतीय छात्र'
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Dharamvir Nagpal
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